Friday, 11 September 2009

राष्ट्रभाषा दिवस 14 सितम्बर को ढेर सारी मिठाइयां साफ़ की जाएँगी

किसी राष्ट्र का अपनी ही राष्ट्र भाषा के लिए केवल एक दिन निर्धारित करना कितना अटपटा लगता हैं , राष्ट्रभाषा दिवस 14 सितम्बर को ढेर सारी मिठाइयां साफ़ की जाएँगी और फिर हिंदी के प्रचार , प्रसार हेतु कितने हवाई पूल बांधे जायेंगें. जिन्हें वही लोग़ अगले दिन भूल जायेंगे . लगता हैं भारतीयता कहीं खो गयी हैं . माना की भारतीय दुसरो की माँ को भी अपनी माँ जैसा सम्मान देते हैं , लेकिन अपनी माँ को भुला देना या उसका निरादर करना भी तो भारतीयता में नहीं हैं . लम्बे समय की गुलामी में हिन्दुस्तानियों ने उपहार स्वरुप विदेशी आकाओ की संस्कृति को , भाषा को स्वीकार किया हैं. परन्तु आजाद होने के बाद भी भारतीयता स्वीकार न करना शायद गुलामी में खाए नमक का असर होगा जो आज भी लहू के साथ हमारी रगों में दौड़ रहा हैं. बगल के चीनियों को देख के भी हमे लाज नहीं आती , अपना आस्तित्व अपनी भाषा और संस्कृति को लेकर बनता हैं.

2 comments:

  1. राष्ट्र भाषा की( हर भाषा की) जो पाठशालाओं में पाठ्य पुस्तकें शामिल की जाती हैं , सबसे पहली गलती वहीँ होती है ...भाषा नही , वहाँ , सीधा साहित्य पढाया जाता है ...बच्चों को चिढ -सी होने लगती है ..मै kayee बार पढाती हूँ ..English,हिन्दी मराठी , संस्कृत ये सब ...पाठ्यक्रम सरल , और बोलीभाषा में हो ...अलगसे लिखा जे तो बड़ा फ़र्क़ पड़ सकता है ..ये 'राष्ट्र भासा दिवस' अदि मनानेसे कुछ नही होता, ये सही है..मै बच्चों से रोज़मर्रा के वाक़यात बयान करने के लिए कहती थी..और उसी तरीकेसे बच्चे जो फेल होते थे, ७० प्रतिशत से अधिक गुण पाने लगे.

    ReplyDelete
  2. ARE VIKAS BHAI AAPKE VICHAAR ACHHE LAGE. IS WAQT HAMARI MAJBOORI HAI KI HAMKO HINDI TYPING NAHIN AATI JABKI HAMARI SHIKSHA BHI MADHYAMIC PARISHAD SE HI HOOYEE HAI. KITNA ATPATA HAI KI HAM SAB JIS BHASHA KO PAIDA HOTE HI SUNTE HAIN AUR BOLNE KI BHI KOSHISH KARTE KARTE BOLNE BHI LAG JAATE HAIN, LEKIN JAISE HI GHAR SE BAHAR KADAM RAKHTE HAIN KUCH SAMAJH BADHANE KE LIYE, PAATE HAIN KI 1835 PEIN MACAULE NE JO KAH DIYA WOH PATHAR KI LAKEER MAAN KAR HAMARI SADIYON KI BANI BANAI PADHNE AUR PADHAANE KI VYAWASTHA KO HAMARE HI KUCHH LOG JO KI PAHCHAAN BANANE KE LIYE LOMDI KI SI PRAVRITTI LIYE HOOYE BANI BANAYEE PAATHSHALAON KO SUDHARNE TATHA USKO ACCHA KARNE KE BAJAE GURU SHISHYA AUR MADARSA JAISI SANTHA KO GHALAT SABIT KARNE MEIN LAG GAYE JISKA NATEEJAA SAB KE SAAMNE HAI.

    ReplyDelete