Friday, 14 August 2009

आज़ादी ही आज़ादी

देश की स्वतंत्रता की ६२वी वर्षगांठ पर आप सभी को शुभकामनाएं , भ्रष्ट्राचार की आज़ादी , अपराधियों को आज़ादी , गरीबी बढ़ने की आज़ादी , अशिक्षा की आज़ादी , बाल श्रम को आज़ादी , सत्तासीनों को संविधानिक नियमो से खिलवाड़ करने और लोकतंत्र का राजतंत्र की तरह इस्तेमाल करने की आज़ादी और नौकरशाहों को लोकतंत्र से राजतंत्र को चलाने की आज़ादी , सरेआम अन्याय करने की आज़ादी , मैंने तो नहीं देखा पर जिन्होंने देखा वो कहते हैं की गुलामी के दिन आज़ादी से बेहतर थे . खैर जो जनता एक होकर देश को आजाद करा सकती हैं , वो अगर जागरूक हो तो क्या नहीं कर सकती , एक बार फिर से आज़ादी मुबारक हो फिर से जागरूक होने की आशाओ साहित।

2 comments:

  1. लोक जागरण की भी हमें आज़ादी है ..क्यों न इस ओर क़दम बढायें ? आईये हमभी कुछ करें !

    "मेरी जान रहे ना रहे ,
    मेरी माता के सरपे ताज रहे !"

    http://shamasansmaran.blogspot.com

    http://kavitasbyshama.blogspot.com

    http://lalitlekh.blogspot.com

    "ek sawal tum karo' is manch pe aapka swagat hai!

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  2. http://shama-shamaneeraj-eksawalblogspotcom.blogspot.com/

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