उसकी सीरत सा उसका मुकाम नही होता ,
चर्चा भी उसका कभी "शैदाई" आम नही होता ,
वो जो जलता हैं चिराग तेरी हर एक झलक के लिए,
तेरी वाह-वाह होती है, पर उसका नाम नही होता,
चैन का गम होना ऐ यार नींद से खार होना ,
बड़ा ही बुरा हादसा है "शैदाई" प्यार होना ,
भूख न प्यास बस उनको पाने की आस ,
मिलने की आरजू रखना, एक झलक का तलबगार होना ,
इश्क में एक बुत का खुदा हो जाना और ,
या आशिक तेरा लोगो की नज़र में गुनाहगार होना,
मुहब्बत के हैरतंगेज़ करिश्मे हैं दोस्तों ,
राधा और मीरा होना या निठल्ला बेकार होना.
दौर ए इश्क का हर इम्तिहान देते रहे हैं हम भी ,
लिख कर ख़त में जान देते रहे हैं हम भी,
मेरे ख्बवो की शहजादी ए मल्लिकाए हूर ,
हर हसीं को ये नाम देते रहे हैं हम भी ,
एक मिला तो क्या हज़ार जख्म दिए हैं हमने,
उनकी वफाओं के इनाम देते रहे हैं हम भी ,
किस्मत ने इस मोड़ पे ला पटका "शैदाई"
वरगना हर शय को अंजाम देते रहें हैं हम भी ,
Sunday, 2 August 2009
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किसी 'राधा या मीरा ' कोही पता होगा ..क्या होता है एक राधा या मीरा होना ..
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