Monday, 13 September 2010

अगर पत्थर नहीं हैं वो तो तू ही बता कौन हैं

जिसका देखा नहीं निशान कभी वो कौन हैं
देखिये उस परदे के पीछे जो छिपा कौन हैं

भूख से बिलखते हुए बच्चे ने जब दम तोडा
मैं सोचता रहा था कहाँ हैं और खुदा कौन हैं

वो सुनता नहीं यूँ ही मैं भी संगदिल हुआ हूँ
अगर पत्थर नहीं हैं वो तो तू ही बता कौन हैं

एक आस कभी खुद से गर मैंने लगा ली होती
आप ही कहिये "शैदाई" कि "मेरे सिवा" कौन हैं

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